- हाल ही में विश्व आवाज दिवस कब मनाया गया _16 अप्रैल।
- हाल ही में प्रवीण परदेसी को किस राज्य के मुख्यमंत्री का मुख्य आर्थिक सलाहकार नियुक्त किया गया है_ महाराष्ट्र।
- हाल ही में किस आईआईटी ने सेमीकंडक्टर रिसर्च को बढ़ावा देने के लिए माइक्रों टेक्नोलॉजी के साथ साझेदारी की है _आईआईटी दिल्ली।
- हाल ही में रक्षा साहित्य महोत्सव कलम और कवच 2.0 का आयोजन कहां किया गया है _नई दिल्ली। 16-04-2025 की करेंट अफेयर्स
- हाल ही में किसने 15वीं हॉकी इंडिया सीनियर पुरुष राष्ट्रीय चैंपियनशिप जीती है_ पंजाब।
- हाल ही में किस टीसीएस का नया कार्यकारी निदेशक अध्यक्ष और मुख्य परिचालन अधिकारी नियुक्त किया गया है_ आरती सुब्रह्मण्य।
- हाल ही में किसे भारत का 52 वा मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया गया है _ ज. बी आर गवई।
- हाल ही में वित्त वर्ष 2024 -25 में भारत के निर्यात में कितने प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है _ 5.5%।
- हाल ही में किस राज्य के मुख्यमंत्री ने ई-सेहत अप का शुभारंभ किया है_ जम्मू कश्मीर।
- हाल ही में किसे IWLF एथलीट आयोग का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है _मीराबाई चानू।
- हाल ही में किस लीजेंड्स आफ एंडोस्कोपी पुरस्कार मिला है _ डी नागेश्वर रेड्डी।
- हाल ही में जारी नीति आयोग की रिपोर्ट के अनुसार दुनिया का चौथा सबसे बड़ा ऑटोमोबाइल निर्माता कौन बना _ भारत।
- हाल ही में किस राज्य सरकार ने हीट वेव को राज्य विशिष्ट आपदा घोषित किया है_ तेलंगाना।
- हाल ही में किस देश की जनसंख्या में लगातार 14 वे साल गिरावट देखी है_ जापान।
Friday, 18 April 2025
Current Affairs (17-04-2025)
आज का ज्ञान (18-04-2025)
- भारतीय संविधान में न्यायिक पुनरीक्षण की प्रक्रिया अमेरिका के संविधान से लिया गया है ।
- संसद का सदस्य नहीं होने के बाद भी महान्यायवादी संसद की कार्यवाही में भाग ले सकता है ।
- महान्यायवादी भारत सरकार का प्रथम विधि अधिकारी होता है ।
- इंटरनेशनल डेवलपमेंट एसोसिएशन विश्व बैंक की आसान ऋण प्रदाता संस्था है।
- इंटरनेशनल डेवलपमेंट एसोसिएशन को विश्व बैंक की उदार ऋण खिड़की भी कहते हैं।
- मानव यकृत हार्मोन का निर्माण नहीं करते हैं ।
- पौधों में श्वसन से पौधों का प्रकाश संश्लेषण क्रिया अधिक तेजी से होती है।
- प्रकाश संश्लेषण की दर लाल रंग में सबसे अधिक होती है ।
- लज्जा नामक पुस्तक की लेखिका तस्लीमा नसरीन है।
- मुगल काल में फारसी भाषा को राजकीय संरक्षण दिया गया।
- कलीमुल्लाह बहमनी राज्य का अंतिम शासक था।
- बंगाल में पाल वंश की स्थापना गोपाल ने की थी ।
- कश्मीर में सियाचिन ग्लेशियर स्थित है ।
- कर्नाटक कॉफी का और आंध्र प्रदेश तंबाकू का सर्वाधिक उत्पादन करता है।
- हाइड्रोजन को भविष्य का ईंधन माना जाता है ।
- उद्योगों में प्रयुक्त रसायनों का प्रचुर स्रोत कोलतार है।
- जेनेटिक इंजीनियरिंग तकनीकी से सबसे पहले ट्रांसजेनिक बैक्टीरिया को बनाया गया है।
- प्रकाश संश्लेषण में जल का अवशोषण होता है ।मनुष्य जब सांस लेता है तो 0.5 डेसीबल शोर होता है ।
- पारिस्थितिकी विज्ञान की वह शाखा है जो जीवन और वातावरण के बीच के संबंध को बताता है ।
- मधुशाला हरिवंश राय बच्चन की रचना है।
- भारत का फिल्म प्रशिक्षण संस्थान पुणे में स्थित है।
- जॉर्ज सिटी फिजी के विद्रोह के लिए जिम्मेदार थे।हड़प्पा कांस्य युगीन सभ्यता है ।
- हर्षवर्धन के शासनकाल में चीनी यात्री ह्वेंनसॉन्ग भारत आया था।
- ह्वेंनसॉन्ग को यात्रियों का राजकुमार भी कहा जाता है।
- बाल गंगाधर तिलक ने गृह शासन आंदोलन चलाया था ।
- गीता रहस्य बाल गंगाधर की रचना है।
- धातुए चालन प्रक्रिया द्वारा गर्म होती हैं ।
- अश्व यदि एकाएक चलना प्रारंभ कर दे तो आश्वारोही के गिरने का कारण विराम का जड़त्व है।
- जल पृष्ठ पर लोहे के टुकड़े नहीं तैरते क्योंकि लोहे द्वारा विस्थापित जल का भार लोहे के भर से कम होता है ।
- वायु मिश्रण है तथा पीतल मिश्र धातु है ।
- पहाड़ों पर पानी 100 डिग्री सेंटीग्रेड से कम तापमान पर उबलने लगता है ।
- द्रव की बूंद की आकृति गोलाकार पृष्ठ तनाव के कारण होती है ।
- सूखा बालू चमकीला परावर्तन के कारण दिखाई देता है ।
- जब सूर्य और पृथ्वी के बीच चंद्रमा आ जाता है तो सूर्य ग्रहण होता है
- वायल नियम नियत तापमान की स्थिति में लागू होता है ।
- एंटीजन एक पदार्थ है जो प्रतिरक्षक तंत्र को चालू करता है ।
- हैजा रोग जीवाणु के कारण होता है ।
- मानव शरीर में रक्तचाप एड्रेनल ग्लैंड द्वारा नियंत्रित होता है।
- 16-04-2025 का GK पढ़े
ईमानदारी_का_फल
बहुत समय पहले की बात है, प्रतापगढ़ के राजा को कोई संतान नहीं थी. राजा ने फैसला किया कि वह अपने राज्य के किसी बच्चे को ही अपना उत्तराधिकारी चुनेगा. इसी इरादे से एक दिन सभी बच्चों को बुलाया गया. राजा ने घोषणा की कि वह वह वहां मौजूद बच्चों में से ही किसी को अपना उत्तराधिकारी चुनेगा.
उसके बाद उसने सभी बच्चों के बीच एक छोटी सी थैली बंटवा दी…. और बोला,
“प्यारे बच्चों, आप सभी को जो थैली दी गयी है उसमे अलग-अलग पौधों के बीज हैं. हर बच्चे को सिर्फ एक ही बीज दिया गया है…आपको इसे अपने घर ले जाकर एक गमले में लगाना है. 6 महीने बाद हम फिर यहाँ इकठ्ठा होंगे और उस समय मैं फैसला करूँगा कि मेरे बाद प्रतापगढ़ का अगला शाषक कौन होगा?
उन्ही लड़कों में ध्रुव नाम का भी एक लड़का था. बाकी बच्चों की तरह वह भी बीज लेकर ख़ुशी-ख़ुशी अपने घर वापस पहुँच गया.
माँ की मदद से उसने एक गमला चुना और उसमे और अच्छे से उसकी देखभाल करता.
दिन बीतने लगे, पर हफ्ते-दो हफ्ते बाद भी ध्रुव के गमले में पौधे का कोई नामोनिशान नहीं था.
वहीँ अब आस-पास के कुछ बच्चों के गमलों में उपज दिखने लगी थी.
ध्रुव ने सोचा कि हो सकता है उसका बीज कुछ अलग हो… और कुछ दिनों बाद उसमे से कुछ निकले.
और ऐसा सोच कर वह पूरी लगन से गमले की देखभाल करता रहा. पर तीन महीने बीत जाने पर भी उसका गमला खाली था.
वहीं दूसरी ओर बाकी बच्चों के गमलों में अच्छे-खासे पौधे उग गए थे. कुछ में तो फल-फूल भी दिखाई देने लगे थे.
ध्रुव का खाली गमला देख सभी उसका मजाक बनाते…और उस पर हँसते… यहाँ तक की कुछ बड़े बुजुर्ग भी उसे बेकार में मेहनत करने से मना करते.
पर बावजूद इसेक ध्रुव ने हार नहीं मानी, और लगातार गमले की देखभाल करता रहा.
देखते-देखते 6 महीने भी बीत गए और राजा के सामने अपना गमला ले जाने का दिन आ गया.
ध्रुव चिंतित था क्योंकि अभी भी उसे गमले में कुछ नहीं निकला था. वह मन ही मन सोचने लगा-
अगर मैं ऐसे ही राजा के सामने चला गया तो सब लोग मुझ पर कितना हँसेंगे… और कहीं राजा भी मुझसे नाराज हो गया और सजा देदी तो…किसी को यकीन नहीं होगा कि मैं बीज में रोज पानी डालता था…सब मुझे कितना आलसी समझेंगे!
माँ ध्रुव की परेशानी समझ रही थी, उसने ध्रुव की आँखों में आँखें डाल कर कहा-
“नतीजा जो कुछ भी हो, तुम्हे राजा को उसका दिया हुआ बीज लौटाना ही चाहिए!”
उसके बाद उसने सभी बच्चों के बीच एक छोटी सी थैली बंटवा दी…. और बोला,
“प्यारे बच्चों, आप सभी को जो थैली दी गयी है उसमे अलग-अलग पौधों के बीज हैं. हर बच्चे को सिर्फ एक ही बीज दिया गया है…आपको इसे अपने घर ले जाकर एक गमले में लगाना है. 6 महीने बाद हम फिर यहाँ इकठ्ठा होंगे और उस समय मैं फैसला करूँगा कि मेरे बाद प्रतापगढ़ का अगला शाषक कौन होगा?
उन्ही लड़कों में ध्रुव नाम का भी एक लड़का था. बाकी बच्चों की तरह वह भी बीज लेकर ख़ुशी-ख़ुशी अपने घर वापस पहुँच गया.
माँ की मदद से उसने एक गमला चुना और उसमे और अच्छे से उसकी देखभाल करता.
दिन बीतने लगे, पर हफ्ते-दो हफ्ते बाद भी ध्रुव के गमले में पौधे का कोई नामोनिशान नहीं था.
वहीँ अब आस-पास के कुछ बच्चों के गमलों में उपज दिखने लगी थी.
ध्रुव ने सोचा कि हो सकता है उसका बीज कुछ अलग हो… और कुछ दिनों बाद उसमे से कुछ निकले.
और ऐसा सोच कर वह पूरी लगन से गमले की देखभाल करता रहा. पर तीन महीने बीत जाने पर भी उसका गमला खाली था.
वहीं दूसरी ओर बाकी बच्चों के गमलों में अच्छे-खासे पौधे उग गए थे. कुछ में तो फल-फूल भी दिखाई देने लगे थे.
ध्रुव का खाली गमला देख सभी उसका मजाक बनाते…और उस पर हँसते… यहाँ तक की कुछ बड़े बुजुर्ग भी उसे बेकार में मेहनत करने से मना करते.
पर बावजूद इसेक ध्रुव ने हार नहीं मानी, और लगातार गमले की देखभाल करता रहा.
देखते-देखते 6 महीने भी बीत गए और राजा के सामने अपना गमला ले जाने का दिन आ गया.
ध्रुव चिंतित था क्योंकि अभी भी उसे गमले में कुछ नहीं निकला था. वह मन ही मन सोचने लगा-
अगर मैं ऐसे ही राजा के सामने चला गया तो सब लोग मुझ पर कितना हँसेंगे… और कहीं राजा भी मुझसे नाराज हो गया और सजा देदी तो…किसी को यकीन नहीं होगा कि मैं बीज में रोज पानी डालता था…सब मुझे कितना आलसी समझेंगे!
माँ ध्रुव की परेशानी समझ रही थी, उसने ध्रुव की आँखों में आँखें डाल कर कहा-
“नतीजा जो कुछ भी हो, तुम्हे राजा को उसका दिया हुआ बीज लौटाना ही चाहिए!”
यह कहानी भी पढ़े- चलते रहने की ज़िद
तय दिन सभी बच्चे राजमहल के मैदान में इकठ्ठा हो गए. वहां एक से बढ़कर एक पौधों का अम्बार लगा था…रंग-बिरंगे फूलों की खुशबु से पूरा महल सुगन्धित हो गया था.
ध्रुव का खाली गमला देख बाकी बच्चे उसका मजाक उड़ा रहे थे कि तभी राजा के आने की घोषणा हुई.
सभी बच्चे शांति से अपनी जगह खड़े हो गए…सब के अन्दर बस एक ही प्रश्न चल रहा था…कि
कौन बनेगा राजा ?
राजा बच्चों के बीच से हो कर आगे बढ़ने लगे…वह जहाँ से भी गुजरते बच्चे तन कर खड़े हो जाते और अपने आप को योग्य उत्तराधिकारी साबित करने की कोशिश करते.
तमाम खूबसूरत पौधों को देखने के बाद राजा की नज़र ध्रुव पर पड़ी.
“क्या हुआ? तुम्हारा गमला खाली क्यों है?”, राजा ने पूछा.
“जी मैं रोज इसमें पानी डालता था…धूप दिखाता था… 6 महीने तक मैंने इसकी पूरी देख-भाल की पर फिर भी इसमें से पौधा नहीं निकला..”, ध्रुव कुछ हिचकिचाहट के साथ बोला.
राजा बाकी गमलों को देखने के लिए आगे बढ़ गया और जब सभी गमले देखने के बाद उसने बच्चों को संबोधित किया-
“आप लोगों ने खुद को साबित करने के लिए कड़ी कड़ी मेहनत की… ज्यादातर लोग किसी भी कीमत पर राजा बनना चाहते हैं, लेकिन एक लड़का है जो यहाँ खाली हाथ ही चला आया…. ध्रुव, तुम यहाँ मेरे पास आओ…”
सबके सामने इस तरह बुलाया जाना ध्रुव को कुछ अजीब लगा.
वह धीरे-धीरे आगे बढ़ने लगा.
जैसे ही राजा ने उसका गमला उठाकर बाकी बच्चों को दिखाया…सभी हंसने लगे.
“शांत हो जाइए!”, राजा ने ऊँची आवाज़ में कहा, “
6 महीने पहले मैंने आपको बीज दिए थे और अपने-अपने पौधों के साथ आने को कहा था. मैंने आपको जो बीज दिए थे वो बंजर थे… आप चाहे उसकी जितनी भी देख-भाल करते उसमे से कुछ नहीं निकलता… लेकिन अफ़सोस है कि आप सबके बीच में बस एक ध्रुव ही है जो खाली हाथ यहाँ उपस्थित हुआ है.
आप सबको उससे सीखना चाहिए…पहले तो उसने ईमानदारी दिखाई कि और लोगों की तरह बीज में से कुछ ना निकले पर दूसरा बीज नहीं लगाया…और उसके बाद खाली गमले के साथ यहाँ आने का सहस दिखाया…ये जानते हुए भी कि लोग उस पर कितना हँसेंगे…उसे कितना अपमानित होना पड़ेगा!
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