Sunday, 30 March 2025

प्रसूति लाभ

  प्रश्न - प्रसूति लाभ के संदाय पाने के अधिकारों की व्याख्या कीजिये? 

भारत में, प्रसूति लाभ अधिनियम, 1961 (Maternity Benefit Act, 1961) कामकाजी महिलाओं को मातृत्व के दौरान रोजगार संबंधी लाभ प्रदान करता है। इस अधिनियम के तहत, एक महिला को निम्नलिखित अधिकार प्राप्त हैं:

  • मातृत्व अवकाश:
    • पहले दो बच्चों के लिए 26 सप्ताह का सवैतनिक अवकाश।
    • दो से अधिक बच्चों के लिए 12 सप्ताह का सवैतनिक अवकाश।
    • दत्तक ग्रहण (adoption) करने वाली माँ के लिए 12 सप्ताह का सवैतनिक अवकाश।
  • मातृत्व लाभ की दर:
    • औसत दैनिक मजदूरी का 100%।
  • चिकित्सा बोनस:
    • यदि नियोक्ता द्वारा प्रसवपूर्व और प्रसवोत्तर देखभाल के लिए कोई निशुल्क सुविधा प्रदान नहीं की जाती है, तो महिला चिकित्सा बोनस की हकदार है।
  • कार्यस्थल सुरक्षा:
    • गर्भावस्था, प्रसव, या स्वास्थ्य संबंधी कारणों से महिला को नौकरी से नहीं निकाला जा सकता है।
  • अन्य लाभ:
    • काम पर लौटने के बाद शिशु के पोषण के लिए दिन में दो बार विश्राम का अधिकार।
    • गर्भावस्था के दौरान महिला को खतरनाक काम से दूर रखने का अधिकार है।
    • प्रत्येक संस्थाओं में शिशु सदन का अधिकार है।
  • सूचना का अधिकार:
    • महिला को गर्भावस्था के बारे में नियोक्ता को सूचित करने का अधिकार है, और नियोक्ता को महिला के अधिकारों के बारे में सूचित करना आवश्यक है।

यह अधिनियम 10 या अधिक कर्मचारियों वाले सभी प्रतिष्ठानों पर लागू होता है।

 

No comments:

Post a Comment

You may have missed

BNSS : दंडादेश: दंड न्याय प्रशासन में भूमिका और प्रासंगिकता

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS), 2023, ने भारत की आपराधिक न्याय प्रणाली में महत्वपूर्ण बदलाव लाए हैं। इस संहिता का एक प्रमुख पहलू "...