Friday, 4 April 2025

प्रश्न_4_ दृश्यमान स्वामी से आप क्या समझते हैं? संपत्ति अंतरण अधिनियम की धारा 41 के अंतर्गत उस स्वामी को क्या संरक्षण प्राप्त है जिसको एक दृश्यमान स्वामी द्वारा स्थावर संपत्ति अंतरित की गई है?

उत्तर _  
    दृश्यमान स्वामी (Ostensible Owner) वह व्यक्ति होता है जो किसी स्थावर संपत्ति का वास्तविक स्वामी नहीं होता है, लेकिन उस संपत्ति के संबंध में स्वामित्व के सभी बाहरी लक्षण रखता है। ऐसा व्यक्ति वास्तविक स्वामी की प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष सहमति से संपत्ति का स्वामी प्रतीत होता है। दूसरे शब्दों में, दृश्यमान स्वामी वह व्यक्ति है जिसका नाम संपत्ति के दस्तावेजों में दर्ज होता है या जो सार्वजनिक रूप से संपत्ति का स्वामी प्रतीत होता है, भले ही वास्तविक स्वामित्व किसी और के पास हो।

संपत्ति अंतरण अधिनियम, 1882 की धारा 41 के अंतर्गत दृश्यमान स्वामी द्वारा अंतरित संपत्ति के संबंध में अंतरिती को संरक्षण:

    संपत्ति अंतरण अधिनियम की धारा 41 "दृश्यमान स्वामी द्वारा अंतरण" से संबंधित है। यह धारा उस स्थिति में अंतरिती (transferee) को संरक्षण प्रदान करती है जब उसे एक दृश्यमान स्वामी द्वारा स्थावर संपत्ति अंतरित की जाती है। इस धारा के अनुसार, यदि निम्नलिखित शर्तें पूरी होती हैं, तो अंतरण इस आधार पर निरस्त नहीं किया जाएगा कि अंतरणकर्ता (transferor) को इसे करने का अधिकार नहीं था:

अंतरणकर्ता दृश्यमान स्वामी हो: संपत्ति का अंतरण करने वाला व्यक्ति उस संपत्ति का दृश्यमान स्वामी होना चाहिए। इसका अर्थ है कि वह बाहरी रूप से संपत्ति का स्वामी प्रतीत होना चाहिए, भले ही वह वास्तविक स्वामी न हो।

वास्तविक स्वामी की सहमति: दृश्यमान स्वामी वास्तविक स्वामी की प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष सहमति से संपत्ति का स्वामी बना हो। यह सहमति किसी भी रूप में हो सकती है, जैसे कि वास्तविक स्वामी ने जानबूझकर या लापरवाही से अंतरणकर्ता को खुद को संपत्ति का स्वामी बताने की अनुमति दी हो।

प्रतिफल के लिए अंतरण: दृश्यमान स्वामी द्वारा संपत्ति का अंतरण प्रतिफल (consideration) के बदले में किया गया हो। दान या उपहार के रूप में किए गए अंतरण इस धारा के अंतर्गत संरक्षित नहीं हैं।


अंतरिती द्वारा उचित सावधानी और सद्भावना: अंतरिती ने अंतरणकर्ता के पास अंतरण करने का अधिकार है या नहीं, यह पता लगाने के लिए उचित सावधानी बरती हो और उसने सद्भावना (good faith) में कार्य किया हो। इसका मतलब है कि अंतरिती को यह विश्वास होना चाहिए कि अंतरणकर्ता संपत्ति का वास्तविक स्वामी है या उसे अंतरण करने का अधिकार है, और इस विश्वास के लिए उसके पास पर्याप्त कारण होने चाहिए। यदि अंतरिती को वास्तविक स्वामित्व के बारे में पता था या उसे संदेह करने का कारण था, लेकिन उसने उचित जांच नहीं की, तो उसे इस धारा का संरक्षण नहीं मिलेगा।

अंतरिती को प्राप्त संरक्षण:

    यदि उपरोक्त सभी शर्तें पूरी होती हैं, तो संपत्ति अंतरण अधिनियम की धारा 41 के तहत अंतरिती को निम्नलिखित संरक्षण प्राप्त होता है:

अंतरण का निरस्त न होना: वास्तविक स्वामी बाद में इस आधार पर अंतरण को चुनौती नहीं दे सकता है कि दृश्यमान स्वामी को संपत्ति अंतरित करने का अधिकार नहीं था। कानून ऐसे अंतरण को वैध मानता है।

विबंध का सिद्धांत (Doctrine of Estoppel): यह धारा वास्तविक स्वामी के विरुद्ध विबंध का सिद्धांत लागू करती है। यदि वास्तविक स्वामी ने अपनी सहमति से किसी अन्य व्यक्ति को संपत्ति का दृश्यमान स्वामी बनने दिया और उस व्यक्ति ने संपत्ति को प्रतिफल के लिए अंतरित कर दिया, तो वास्तविक स्वामी को बाद में अंतरण की वैधता पर सवाल उठाने से रोक दिया जाएगा।

महत्वपूर्ण बातें:
  • अंतरिती को यह साबित करना होगा कि उसने उचित सावधानी बरती और सद्भावना में कार्य किया।
  • यह धारा केवल स्थावर संपत्ति (immovable property) के अंतरण पर लागू होती है, जंगम संपत्ति (movable property) पर नहीं।
    यह धारा सामान्य नियम "नेमो डेट क्वॉड नॉन हैबेट" (nemo dat quod non habet) - कोई भी व्यक्ति वह अधिकार नहीं दे सकता जो उसके पास स्वयं नहीं है) का अपवाद है। इसका उद्देश्य उन ईमानदार खरीदारों के हितों की रक्षा करना है जो संपत्ति के दृश्यमान स्वामित्व पर भरोसा करते हैं।

    संक्षेप में, दृश्यमान स्वामी वह व्यक्ति है जो संपत्ति का वास्तविक स्वामी न होते हुए भी स्वामी प्रतीत होता है, और यदि वह वास्तविक स्वामी की सहमति से प्रतिफल के लिए संपत्ति अंतरित करता है, और अंतरिती उचित सावधानी बरतते हुए सद्भावना में कार्य करता है, तो अंतरण वैध माना जाएगा और वास्तविक स्वामी उसे चुनौती नहीं दे सकता।

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