Sunday, 13 April 2025

ग्रेच्युटी भुगतान अधिनियम, 1972: भुगतान के प्रावधान

    ग्रेच्युटी भुगतान अधिनियम, 1972 भारत में कर्मचारियों के लिए एक महत्वपूर्ण सामाजिक सुरक्षा उपाय है। यह अधिनियम उन कर्मचारियों को ग्रेच्युटी का भुगतान सुनिश्चित करता है जिन्होंने किसी संगठन में लगातार कम से कम पांच साल तक सेवा की है। ग्रेच्युटी एकमुश्त भुगतान है जो नियोक्ता द्वारा कर्मचारी को उसकी सेवाओं के सम्मान में दिया जाता है।

**1. ग्रेच्युटी (उपदान)का हकदार कौन है?**

* कोई भी कर्मचारी जो किसी संगठन में लगातार कम से कम पांच साल तक सेवा कर चुका है, ग्रेच्युटी का हकदार है।

* यह अधिनियम उन कर्मचारियों पर लागू होता है जो फैक्ट्रियों, खानों, तेल क्षेत्रों, बंदरगाहों, रेलवे, दुकानों, कार्यालयों और अन्य प्रतिष्ठानों में काम करते हैं।

* कर्मचारी की मृत्यु या विकलांगता की स्थिति में पांच साल की सेवा की शर्त लागू नहीं होती है। ऐसे मामलों में, नॉमिनी या कानूनी उत्तराधिकारी ग्रेच्युटी का हकदार होता है।

**2. ग्रेच्युटी की गणना कैसे की जाती है?**

    ग्रेच्युटी की गणना कर्मचारी द्वारा प्राप्त अंतिम आहरित वेतन (Last Drawn Salary) और सेवा में बिताए गए वर्षों के आधार पर की जाती है।

* ग्रेच्युटी की राशि की गणना करने का सूत्र है: **ग्रेच्युटी = (अंतिम आहरित वेतन x सेवा के वर्षों की संख्या x 15) / 26**
 
* यहाँ, 'अंतिम आहरित वेतन' में मूल वेतन (Basic Salary), महंगाई भत्ता (Dearness Allowance) और कमीशन (यदि कोई हो) शामिल हैं।

* 'सेवा के वर्षों की संख्या' में छह महीने से अधिक के अंश को एक पूर्ण वर्ष माना जाता है।

* ग्रेच्युटी की अधिकतम राशि 20 लाख रुपये तक सीमित है।

**3. ग्रेच्युटी का भुगतान कब किया जाना चाहिए?**

* ग्रेच्युटी का भुगतान कर्मचारी की सेवा समाप्ति की तारीख से 30 दिनों के भीतर किया जाना चाहिए।

* यदि नियोक्ता समय पर ग्रेच्युटी का भुगतान करने में विफल रहता है, तो उसे निर्धारित अवधि के बाद साधारण ब्याज का भुगतान करना होगा।

**4. ग्रेच्युटी भुगतान में देरी या अस्वीकृति:**

* यदि नियोक्ता किसी कर्मचारी को ग्रेच्युटी का भुगतान करने से इनकार करता है या भुगतान में देरी करता है, तो कर्मचारी सहायक श्रम आयुक्त (Assistant Labour Commissioner) के पास शिकायत दर्ज कर सकता है।

* यदि कर्मचारी का आचरण आपत्तिजनक पाया जाता है, तो नियोक्ता ग्रेच्युटी को आंशिक रूप से या पूरी तरह से जब्त कर सकता है।

**5. ग्रेच्युटी के भुगतान के तरीके:**

ग्रेच्युटी का भुगतान निम्नलिखित तरीकों से किया जा सकता है:

* नकद
* चेक
* बैंक ड्राफ्ट
* कर्मचारी के खाते में इलेक्ट्रॉनिक रूप से हस्तांतरण

**निष्कर्ष:**

    ग्रेच्युटी भुगतान अधिनियम, 1972 कर्मचारियों के लिए एक महत्वपूर्ण वित्तीय सुरक्षा प्रदान करता है। इस अधिनियम के प्रावधानों को समझकर, कर्मचारी अपने अधिकारों को जान सकते हैं और यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि उन्हें उनकी मेहनत का उचित प्रतिफल मिले। यदि आपको ग्रेच्युटी से संबंधित कोई शिकायत या प्रश्न हैं, तो आप श्रम विभाग से संपर्क कर सकते हैं।

(यह जानकारी केवल सामान्य मार्गदर्शन के लिए है।)

No comments:

Post a Comment

You may have missed

BNSS : दंडादेश: दंड न्याय प्रशासन में भूमिका और प्रासंगिकता

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS), 2023, ने भारत की आपराधिक न्याय प्रणाली में महत्वपूर्ण बदलाव लाए हैं। इस संहिता का एक प्रमुख पहलू "...