पर्यावरणीय विधि के क्षेत्र में, "शांत परिक्षेत्र" (Silent Zone) एक महत्वपूर्ण अवधारणा है। यह ऐसे विशिष्ट भौगोलिक क्षेत्रों को निर्दिष्ट करता है जहाँ ध्वनि प्रदूषण के स्तर को नियंत्रित या न्यूनतम रखा जाता है।
**शांत परिक्षेत्र का उद्देश्य:**
शांत परिक्षेत्र स्थापित करने का मुख्य उद्देश्य संवेदी स्थलों, जैसे कि शैक्षणिक संस्थान (स्कूल, कॉलेज), अस्पताल, न्यायालय और धार्मिक स्थल, के आसपास के वातावरण को शांत बनाए रखना है। इन क्षेत्रों में अत्यधिक शोर से बचने से छात्रों की एकाग्रता, रोगियों की रिकवरी, कानूनी कार्यवाही की सुचारूता और धार्मिक गतिविधियों की शांति बनाए रखने में मदद मिलती है।
**कानूनी प्रावधान:**
भारत में, शांत परिक्षेत्र की अवधारणा को विभिन्न पर्यावरणीय कानूनों और नियमों के तहत मान्यता प्राप्त है, विशेष रूप से ध्वनि प्रदूषण (विनियमन और नियंत्रण) नियम, 2000 के तहत। ये नियम शांत परिक्षेत्रों में अनुमेय ध्वनि स्तर की सीमा निर्धारित करते हैं और इन सीमाओं का उल्लंघन दंडनीय अपराध हो सकता है।
**निष्कर्ष:**
शांत परिक्षेत्र हमारी पर्यावरणीय विधि का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो संवेदनशील क्षेत्रों में जीवन की गुणवत्ता को बढ़ाने और ध्वनि प्रदूषण के नकारात्मक प्रभावों को कम करने में सहायक है। इन क्षेत्रों के महत्व को समझना और उनके नियमों का पालन करना सभी नागरिकों का कर्तव्य है।
Saturday, 10 May 2025
पर्यावरणीय विधि के अंतर्गत "शांत परिक्षेत्र" क्या है?
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Environmental law,
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