Saturday, 10 May 2025

पर्यावरणीय विधि के अंतर्गत "बंदी पशु" क्या है?

पर्यावरणीय विधि के संदर्भ में "बंदी पशु" (Captive Animal) एक महत्वपूर्ण शब्दावली है। इसका सीधा अर्थ ऐसे वन्यजीवों से है जिन्हें मानव नियंत्रण में रखा जाता है, चाहे वह किसी चिड़ियाघर, अभयारण्य, बचाव केंद्र या निजी संग्रह का हिस्सा हों।

भारत में, वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 (Wildlife Protection Act, 1972) के तहत बंदी पशुओं को नियंत्रित किया जाता है। यह अधिनियम ऐसे जानवरों के स्वामित्व, रखरखाव और स्थानांतरण के संबंध में विस्तृत नियम और दिशा-निर्देश प्रदान करता है। अधिनियम का उद्देश्य इन जानवरों के कल्याण को सुनिश्चित करना और अवैध व्यापार को रोकना है।

बंदी पशुओं का प्रबंधन पर्यावरण और पशु कल्याण दोनों दृष्टियों से संवेदनशील विषय है। इन जानवरों को उचित आवास, पोषण और स्वास्थ्य देखभाल प्रदान करना कानूनी और नैतिक जिम्मेदारी है। साथ ही, इनके प्रजनन और स्थानांतरण से संबंधित नियमों का पालन करना भी अनिवार्य है।

संक्षेप में, पर्यावरणीय विधि के अंतर्गत "बंदी पशु" वे वन्यजीव हैं जो मानव संरक्षण में हैं, और इनके प्रबंधन को नियंत्रित करने के लिए विशेष कानून और नियम लागू होते हैं।

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