Tuesday, 8 April 2025

कार्बन चक्र

 कार्बन चक्र एक महत्वपूर्ण जैव-भूरासायनिक चक्र है जो पृथ्वी के वायुमंडल, जलमंडल, स्थलमंडल और जीवमंडल के बीच कार्बन परमाणुओं की गति का वर्णन करता है। कार्बन पृथ्वी पर जीवन का एक आवश्यक तत्व है और यह कई रूपों में मौजूद है, जिसमें कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) गैस, कार्बनिक यौगिक (जैसे शर्करा, वसा और प्रोटीन), और अकार्बनिक यौगिक (जैसे कार्बोनेट चट्टानें) शामिल हैं।

कार्बन चक्र में कई महत्वपूर्ण प्रक्रियाएँ शामिल हैं:

  • प्रकाश संश्लेषण: पौधे वायुमंडल से कार्बन डाइऑक्साइड लेते हैं और सूर्य के प्रकाश का उपयोग करके इसे शर्करा जैसे कार्बनिक यौगिकों में परिवर्तित करते हैं।
  • श्वसन: पौधे और जानवर शर्करा जैसे कार्बनिक यौगिकों को तोड़ते हैं और कार्बन डाइऑक्साइड को वायुमंडल में छोड़ते हैं।
  • अपघटन: जब पौधे और जानवर मर जाते हैं, तो अपघटनकर्ता जीव उनके कार्बनिक यौगिकों को तोड़ते हैं और कार्बन डाइऑक्साइड को वायुमंडल और मिट्टी में छोड़ते हैं।
  • दहन: जीवाश्म ईंधन (जैसे कोयला, तेल और प्राकृतिक गैस) जलाने से कार्बन डाइऑक्साइड वायुमंडल में निकलती है।
  • भंडारण: कार्बन लंबे समय तक विभिन्न भंडारों में जमा हो सकता है, जैसे कि महासागरों, जीवाश्म ईंधन जमाओं और वनों में।

मानवीय गतिविधियों ने कार्बन चक्र को महत्वपूर्ण रूप से बाधित किया है। जीवाश्म ईंधन जलाने और वनों की कटाई के कारण वायुमंडल में कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा में तेजी से वृद्धि हुई है। यह ग्रीनहाउस प्रभाव को बढ़ा रहा है और जलवायु परिवर्तन का कारण बन रहा है।

कार्बन चक्र को समझना पृथ्वी पर जीवन को बनाए रखने और जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम करने के लिए महत्वपूर्ण है।

No comments:

Post a Comment

You may have missed

BNSS : दंडादेश: दंड न्याय प्रशासन में भूमिका और प्रासंगिकता

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS), 2023, ने भारत की आपराधिक न्याय प्रणाली में महत्वपूर्ण बदलाव लाए हैं। इस संहिता का एक प्रमुख पहलू "...