जैव विविधता का प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष उपयोग मूल्य इस प्रकार है:
प्रत्यक्ष उपयोग मूल्य:
- यह मूल्य उन संसाधनों से प्राप्त होता है जिनका सीधे उपयोग किया जाता है।
- भोजन: पौधों, जानवरों और सूक्ष्मजीवों की विभिन्न प्रजातियों से भोजन प्राप्त होता है।
- औषधि: कई औषधीय पौधे और जानवर बीमारियों के इलाज के लिए उपयोग किए जाते हैं।
- ईंधन: लकड़ी, गोबर और अन्य जैव संसाधनों का उपयोग ईंधन के रूप में किया जाता है।
- निर्माण सामग्री: लकड़ी, बांस और अन्य जैव संसाधनों का उपयोग निर्माण में किया जाता है।
- पर्यटन: प्राकृतिक सुंदरता और वन्यजीवों को देखने के लिए पर्यटन उद्योग जैव विविधता पर निर्भर करता है।
अप्रत्यक्ष उपयोग मूल्य:
- यह मूल्य उन पारिस्थितिकी तंत्र सेवाओं से प्राप्त होता है जो जैव विविधता प्रदान करती है।
- वायु और जल शोधन: पौधे और सूक्ष्मजीव वायु और जल से प्रदूषकों को हटाते हैं।
- जलवायु विनियमन: वन और महासागर कार्बन डाइऑक्साइड को अवशोषित करके जलवायु को स्थिर रखने में मदद करते हैं।
- परागण: मधुमक्खियां और अन्य जीव पौधों के परागण में मदद करते हैं, जिससे खाद्य उत्पादन बढ़ता है।
- मिट्टी का निर्माण और संरक्षण: सूक्ष्मजीव और केंचुए मिट्टी की उर्वरता को बढ़ाते हैं और कटाव को रोकते हैं।
- प्राकृतिक आपदाओं से सुरक्षा: मैंग्रोव और प्रवाल भित्तियाँ तटीय क्षेत्रों को तूफानों और सुनामी से बचाते हैं।
- सांस्कृतिक और आध्यात्मिक मूल्य: कई संस्कृतियों में, जैव विविधता को पवित्र माना जाता है और इसका आध्यात्मिक महत्व होता है।
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