भारत सरकार बच्चों के समग्र विकास को सुनिश्चित करने के लिए कई कार्यक्रम चला रही है। इन कार्यक्रमों का उद्देश्य बच्चों को स्वस्थ, सुरक्षित और समृद्ध बचपन प्रदान करना है। बच्चों के समग्र विकास के लिए लक्षित विभिन्न सरकारी कार्यक्रम इस प्रकार हैं:
1. समेकित बाल विकास सेवाएँ (ICDS):
- यह विश्व का सबसे बड़ा प्रारंभिक बाल्यावस्था कार्यक्रम है।
- यह 6 वर्ष से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं को पूरक पोषण, टीकाकरण, स्वास्थ्य जांच और पूर्व-विद्यालयी शिक्षा जैसी सेवाएँ प्रदान करता है।
2. समग्र शिक्षा योजना:
- यह योजना पूर्व-विद्यालय से लेकर 12वीं कक्षा तक की शिक्षा के सभी पहलुओं को कवर करती है।
- इसका उद्देश्य बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करना और उन्हें भविष्य के लिए तैयार करना है।
- इसके तहत बच्चों को मुफ्त पाठ्यपुस्तकें, वर्दी और परिवहन जैसी सुविधाएँ प्रदान की जाती हैं।
3. राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (RBSK):
- यह कार्यक्रम बच्चों के स्वास्थ्य की जांच और उपचार प्रदान करता है।
- यह 0 से 18 वर्ष की आयु के बच्चों को 4डी (जन्म दोष, कमियाँ, रोग, विकास में देरी सहित विकलांगता) स्थितियों की जांच और प्रबंधन प्रदान करता है।
4. किशोर न्याय अधिनियम:
- यह अधिनियम उन बच्चों के लिए कानूनी ढांचा प्रदान करता है जिन्हें देखभाल और सुरक्षा की आवश्यकता होती है।
- यह बच्चों के अधिकारों की रक्षा करता है और उन्हें पुनर्वास और पुनर्एकीकरण सेवाएँ प्रदान करता है।
5. बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ:
- यह योजना बालिकाओं के अधिकारों की रक्षा और उन्हें शिक्षा प्रदान करने पर केंद्रित है।
- इसका उद्देश्य बालिकाओं के प्रति सामाजिक मानसिकता को बदलना और उन्हें समान अवसर प्रदान करना है।
6. राष्ट्रीय पोषण मिशन (पोषण अभियान):
- यह कार्यक्रम बच्चों और महिलाओं में कुपोषण को कम करने पर केंद्रित है।
- यह बच्चों, गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं को पोषण संबंधी सहायता प्रदान करता है।
7. प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना:
- यह योजना गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को वित्तीय सहायता प्रदान करती है।
- इसका उद्देश्य मातृ और शिशु स्वास्थ्य में सुधार करना है।
इन कार्यक्रमों के अतिरिक्त, भारत सरकार बच्चों के समग्र विकास को बढ़ावा देने के लिए कई अन्य पहल भी कर रही है। इनमें बाल श्रम के खिलाफ कानून, बच्चों के लिए मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आरटीई) और बच्चों के लिए राष्ट्रीय नीति शामिल है। ये कार्यक्रम बच्चों को स्वस्थ, सुरक्षित और समृद्ध बचपन प्रदान करने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं।
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