Tuesday, 8 April 2025

अम्लीय वर्षा

 अम्लीय वर्षा एक गंभीर पर्यावरणीय समस्या है जो तब होती है जब वायुमंडल में सल्फर डाइऑक्साइड (SO2) और नाइट्रोजन ऑक्साइड (NOx) जैसी अम्लीय गैसें पानी, ऑक्सीजन और अन्य रसायनों के साथ प्रतिक्रिया करके सल्फ्यूरिक एसिड और नाइट्रिक एसिड बनाती हैं। ये अम्ल फिर बारिश, बर्फ, कोहरे या सूखे कणों के रूप में पृथ्वी पर गिरते हैं, जिससे पानी और मिट्टी अम्लीय हो जाती है।

अम्लीय वर्षा के कारण:

  • जीवाश्म ईंधन का दहन: कोयला, तेल और प्राकृतिक गैस जैसे जीवाश्म ईंधन का दहन SO2 और NOx का मुख्य स्रोत है।
  • औद्योगिक उत्सर्जन: कारखानों और बिजली संयंत्रों से उत्सर्जन अम्लीय वर्षा में योगदान करते हैं।
  • वाहनों का उत्सर्जन: ऑटोमोबाइल और अन्य वाहन NOx का उत्सर्जन करते हैं।
  • ज्वालामुखी विस्फोट: ज्वालामुखी विस्फोट से SO2 और अन्य अम्लीय गैसें निकल सकती हैं।
  • जैविक अपक्षय: दलदली भूमि और जंगलों में जैविक अपक्षय से भी सल्फर के यौगिक निकलते हैं।

अम्लीय वर्षा के प्रभाव:

  • जलीय पारिस्थितिकी तंत्र: अम्लीय वर्षा झीलों, नदियों और धाराओं को अम्लीय बना सकती है, जिससे मछली और अन्य जलीय जीवन को नुकसान पहुंचता है।
  • वनस्पति और मिट्टी: अम्लीय वर्षा पेड़ों और अन्य पौधों को नुकसान पहुंचा सकती है, और मिट्टी को अम्लीय बना सकती है, जिससे पोषक तत्वों की कमी हो सकती है।
  • भवन और स्मारक: अम्लीय वर्षा इमारतों, स्मारकों और अन्य संरचनाओं को नुकसान पहुंचा सकती है, खासकर चूना पत्थर और संगमरमर से बनी संरचनाओं को।
  • मानव स्वास्थ्य: अम्लीय वर्षा श्वसन संबंधी समस्याओं और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं को बढ़ा सकती है।
  • कृषि: अम्लीय वर्षा मिट्टी की गुणवत्ता को कम कर सकती है, जिससे फसलों की पैदावार में कमी आती है।

अम्लीय वर्षा को कम करने के उपाय:

  • जीवाश्म ईंधन का उपयोग कम करना: नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों का उपयोग करना और ऊर्जा दक्षता में सुधार करना।
  • औद्योगिक उत्सर्जन को नियंत्रित करना: स्क्रबर और अन्य प्रदूषण नियंत्रण उपकरणों का उपयोग करना।
  • वाहनों के उत्सर्जन को नियंत्रित करना: स्वच्छ ईंधन का उपयोग करना और उत्सर्जन मानकों को लागू करना।
  • चूना पत्थर का प्रयोग: झीलों और मिट्टी में चूना पत्थर डालकर अम्लीयता को कम करना।

अम्लीय वर्षा एक जटिल समस्या है जिसके लिए सरकारों, उद्योगों और व्यक्तियों द्वारा समन्वित प्रयासों की आवश्यकता है।

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